Add Name Registry: जमीन की रजिस्ट्री में नाम जुड़वाने के लिए यह जरूरी स्टेप्स जान लें, वरना बाद में हो सकती है बड़ी परेशानी!
जमीन की रजिस्ट्री में नाम कैसे जोड़ें? पूरी प्रक्रिया समझें
अगर आपने हाल ही में जमीन खरीदी है या फिर पैतृक संपत्ति में आपका हिस्सा आया है, तो रजिस्ट्री में अपना नाम जुड़वाना बेहद जरूरी है। नाम न जुड़ने की स्थिति में भविष्य में कानूनी झंझटों का सामना करना पड़ सकता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में थोड़ी सी लापरवाही आपको लंबे समय तक परेशान कर सकती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि जमीन की रजिस्ट्री में नाम जोड़ने के लिए क्या-क्या करना होगा और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
रजिस्ट्री में नाम जोड़ने के लिए जरूरी दस्तावेज
जमीन की रजिस्ट्री में नाम जोड़ने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- मूल रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट: जमीन की पुरानी रजिस्ट्री की कॉपी
- पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी
- निवास प्रमाण: बिजली बिल, पानी बिल या बैंक स्टेटमेंट
- पासपोर्ट साइज फोटो: हाल के दिनों में खींची गई 2-4 फोटो
- शपथ पत्र: नाम जोड़ने के लिए शपथ पत्र
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रजिस्ट्री में नाम जोड़ने की पूरी प्रक्रिया
जमीन की रजिस्ट्री में नाम जोड़ने की प्रक्रिया को हम निम्नलिखित स्टेप्स में समझ सकते हैं:
- स्टेप 1: सबसे पहले स्थानीय रजिस्ट्रार ऑफिस से संपर्क करें
- स्टेप 2: फॉर्म 35 और फॉर्म 30 भरकर जमा करें
- स्टेप 3: सभी जरूरी दस्तावेजों की अटेस्टेड कॉपी लगाएं
- स्टेप 4: रजिस्ट्री फीस का भुगतान करें
- स्टेप 5: रजिस्ट्रार के सामने हस्ताक्षर करें
- स्टेप 6: अपडेटेड रजिस्ट्री डॉक्यूमेंट प्राप्त करें
रजिस्ट्री में नाम जोड़ते समय ध्यान रखने वाली जरूरी बातें
जमीन की रजिस्ट्री में नाम जोड़ते समय निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखें:
- सभी दस्तावेजों की फोटोकॉपी अटेस्टेड होनी चाहिए
- रजिस्ट्री के समय मूल दस्तावेज साथ ले जाएं
- रजिस्ट्री फीस का भुगतान ऑफिशियल रसीद पर ही करें
- रजिस्ट्री के बाद अपडेटेड डॉक्यूमेंट की कॉपी सुरक्षित रखें
- अगर जमीन संयुक्त है तो सभी मालिकों की सहमति जरूरी है
रजिस्ट्री में नाम जोड़ने में कितना समय लगता है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सामान्य परिस्थितियों में जमीन की रजिस्ट्री में नाम जोड़ने की प्रक्रिया 15 से 30 दिनों के भीतर पूरी हो जाती है। हालांकि, यह समय राज्य सरकार की नीतियों और कागजातों की पूर्णता पर निर्भर करता है। आपको बता दें कि अगर कोई दस्तावेज अधूरा है या फिर किसी प्रकार की गड़बड़ी पाई जाती है तो यह प्रक्रिया लंबी भी हो सकती है।
रजिस्ट्री में नाम जोड़ने में कितना खर्च आता है?
जमीन की रजिस्ट्री में नाम जोड़ने के लिए निम्नलिखित खर्चे आ सकते हैं:
- रजिस्ट्री फीस: जमीन के मूल्य का 1-2%
- स्टाम्प ड्यूटी: राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर
- वकील फीस: अगर कानूनी सलाह ले रहे हैं
- अन्य खर्चे: फोटोकॉपी, अटेस्टेशन आदि
अगर रजिस्ट्री में नाम नहीं जोड़ा तो क्या होगा?
अगर आप जमीन की रजिस्ट्री में अपना नाम नहीं जोड़ते हैं तो आपको निम्नलिखित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है:
- भविष्य में जमीन बेचने या गिरवी रखने में दिक्कत
- संपत्ति पर कानूनी विवाद होने की संभावना
- बैंक से लोन लेने में परेशानी
- संपत्ति विभाग से जुड़ी सरकारी योजनाओं का फायदा न मिलना
- वारिसों को भविष्य में कानूनी झंझटों का सामना करना पड़ सकता है
निष्कर्ष
जमीन की रजिस्ट्री में नाम जोड़ना एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, अधिकांश संपत्ति विवादों का कारण रजिस्ट्री में नाम न जोड़ना ही होता है। इसलिए, अगर आपने हाल ही में जमीन खरीदी है या फिर आपको पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिला है तो जल्द से जल्द रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी कर लें। इस आर्टिकल में बताई गई सभी जानकारी और स्टेप्स को फॉलो करके आप आसानी से रजिस्ट्री में अपना नाम जोड़ सकते हैं और भविष्य में होने वाली परेशानियों से बच सकते हैं।